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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 27







गाड़ी के ब्रेक के साथ रोशनी का सिर स्टेरिंग पर लगा, क्योकि गाड़ी बहुत स्पीड में थी और अचानक सड़क पर लोग आ गए जो अभी तक सड़क किनारे बैठकर शायद उन्ही का इंतजार कर रहे थे।
 
  रोशनी ने सामने देखा और फिर राहुल की तरफ देखने लगी। राहुल ने हल्की घबराहट के साथ रोशनी से पूछा- "इसमे अमन भी है क्या??"

रोशनी इतने सारे लड़को को देखकर घबरा गई, उसे लगा दीपक गाड़ी को भगाने की कोशिश करेगा। लेकिन दीपक खुद परेशान नजर आ रहा था। और ऊपरऐसा सवाल पूछा।

"तुम नही जानते अमन को?" रोशनी ने घबराहट भरे लफ़्ज़ों में कहा।

"नही…. मेरा मतलब हां जानता हूँ। लेकिन मैं सोच रहा था कि तुम शायद जानती हो।" राहुल हकबकाया हुआ था। जिस बात से वो डरकर भाग रहा था उसके साथ वही हुआ। अब उसे अपने चारों तरफ हथियार लेकर लोग घूमते नजर आने लगे क्योंकि सभी बदमाशो ने उनकी गाड़ी घेर ली थी।

रोशनी ने डर से राहुल का बाजू पकड़ लिया और सावधान पोजिशन में बैठ गयी। तभी एक लड़का राहुल के तरफ गाड़ी की खिड़की के पास आया और बंदूक उसकी तरफ तानते हुए उसे बाहर निकलने को कहा।

राहुल ने अंदर से डरते हुए लॉक ही खोला था कि एक झटका देकर एक बदमाश ने बाहर से दरवाज़ा खींच लिया और बंदूक की नली अब तक राहुल की तरफ तानी हुई थी। उधर दूसरी तरफ रोशनी को भी कुछ लोगो ने गाड़ी से खींचते हुए बाहर निकाल दिया।

राहुल धीरे धीरे दाएं बाएं देख रहा था, उन सबके पास सिर्फ एक बंदूक थी जो उसकी कंपट्टी पर सधी हुई थी। उधर रोशनी खुद को छुड़ाने को कोशिश कर रही थी लेकिन राहुल तो जैसे किसी सदमे में हो, इतने लोगो को देखकर उसके पसीने छूट रहे थे तभी उसे याद आया कि वो राहुल नही दीपक है। खुद के लिए भले वो राहुल है लेकिन सब उसे दीपक समझते है। ये बात उसके दिमाग मे आई  और एक जबरदस्त आइडिया भी दिमाग मे आया।

राहुल बिना किसी की तरफ देखे हँसने लगा, इस तरह हँस रहा था जैसे ये सब वो जानता हो , या उसे पता हो कि कुछ ऐसा होने वाला है।
   राहुल को हँसते हुए देखकर सब लोग उसकी तरफ ही देखने लगे।
"क्या हुआ, ऐसे क्यो हँस रहा है?" बंदूक को रेडी करते हुए बदमाश ने हैरानी से कहा।

राहुल ने झट से उसके हाथ को झटकते हुए बंदूक का डायरेक्शन बदलते हुए बंदूक छिनने की कोशिश की और नाकामयाब रहा।  लेकिन इस बीच उन दोनों की अच्छी खासी कुश्ती हो रही थी मगर बीच मे और बदमाश आ गए जिन्होंने राहुल को पकड़ लिया और जितना हो सकता था उतना हाथ साफ किया। अब आ रही थी तो बेचारे राहुल की आवाज और उसके शरीर पर पढ़ने वाले मुक्का-लातों की आवाज।
रोशनी अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करके राहुल की तरफ जोर लगाते हुए दीपक दीपक चिल्ला रही थी।
  दीपक खुद को बचाने की कोशिश करते हुए जो उसके करीब होता उसे कभी चुटकी काटता तो कभी अपने दांत से काटने की कोशिश करता। राहुल बेचारे को जमीन में सुलाकर बेइंतहा मारा जा रहा था और रोशनी को खींचकर गाड़ी की तरफ ले जाया जा रहा था।
   राहुल ने रोशनी को गाड़ी की तरफ जाते देखा तो उसे याद आया कि उस दिन कृतिका को भी उसका भाई गाड़ी की तरफ खींचकर ले गया था, लेकिन उस दिन राहुल को किसी एक आदमी ने अकेले पीटा था और उसके बाद कृतिका को ले जा रहा था, और आज राहुल पर बहुत सारे लोग हावी थे और रोशनी को ले जाया जा रहा था।

रोशनी को गाड़ी के अंदर बिठाया और दरवाज़ा बंद हो गया। राहुल को भी लगातार पीट रहे थे क्योकि जब तक उसे बेबस न बनाया जाए तब तक कभी भी बाजी पलट सकती है ऐसा उन गुंडों का भृम था। और राहुल का बेसुध होना भी उन्हें उसकी एक्टिंग लग रही थी।

"मारते रहो,बस मरना नही चाहिए बाकी सब चलेगा" एक आदमी खुश होते हुए बोला। उसकी खुशी की वजह थी कि उन्होंने आज शेर का शिकार किया था।

रोशनी गाड़ी में थी और उसके नजरो में अब भी मार खाता हुआ दीपक ही घूम रहा था। गाड़ी में लगातार रोये जा रही रोशनी को धमकाते हुए गुंडे बोले- "ए चुप कर , बहुत आंख मिचौली खेल लिए तुम सब। विजय को जेल पहुंचा दिया तुम लोगो ने अनुराग का कत्ल कर दिया और अमन…. उसे भी मार डाला। तुम दोनो अपने आप को बहुत सयाने समझते थे ना। अपनी प्लास्टिक सर्जरी करवा दी थी तो उस लौंडे की भी करवा देते, असली दुश्मन तो अपनी शक्ल लिए घूम रहा था।"

रोशनी ने उस गुंडे की तरफ देखा जो उसके जान पहचान का था ही नही। शायद उसे अमन ने ही भेजा होगा, या फिर विजय के इशारे से आया होगा।

"अमन…. वो भी मर गया क्या??" रोशनी ने कहा।

"अनजान मत बन, तू सब जानती है, तुझे दीपक ने बताया होगा कि उसने अमन को मार डाला" आदमी ने कहा।

"उसने तो ये भी बताया कि तुम लोगो को भी वो ही मारेगा…. अगर अमन भी मर गया है तो अब तुम लोग भी नही बचोगे" रोशनी ने कहा।

उसकी बात सुनकर वो लोग हंसने लगे, क्योकि उनके सामने ही दीपक की हालत किसी मरे हुए व्यक्ति जैसी कर रखी थी। उसके बाद भी रोशनी का ये विश्वाश की हास्यपद से कम नही था।

"मैडम किस दुनिया मे जी रही हो आप? ये कोई फ़िल्म नही है जो मेरा अर्जुन आएगा के जाप करने से अर्जुन आ जाएगा, धूल चाट रहा था वो। हमारे जूतों के नीचे मुंह था और दांतों से जूतों की चमड़ी को काटने की कोशिश कर रहा था। और तुम कहती हो कि वो हमें मारेगा" एक आदमी बोला।

रोशनी को वो सब नजारा नजर आ रहा था जो उस आदमी ने बताया, क्योकि वो सच बोल रहा था। रोशनी के नजरो के सामने ही उसका दीपक आज लाचार कमजोर और बेबस नजर आया था। शायद उसे ये डर था कि अगर वो कोई उल्टा सीधा कदम उठाएगा तो कही वो लोग रोशनी को नुकसान न पहुंचा दे। ये रोशनी का मानना था। क्योकि उसने दीपक को पहली बार इस तरह मार खाते देखा था। पहले भी अनुराग और दीपक के बीच झड़प होती रहती थी लेकिन लोग चाहे कितने भी हो दीपक फाइट करके भले हार जाए लेकिन इस तरह से वो कभी नही हारा था। कुछ ना कुछ तो फर्क था दीपक में, या तो दीपक थक चुका था लड़ते लड़ते या वो लड़ना ही नही चाहता था।

रोशनी अब और रोकर खुद को कमजोर नही करना चाहती थी। बेसुध सी बस सड़क को देख रही थी। धीरे धीरे शाम ढलने लगी और अंधेरा छाने लगा, सड़को की लाइट चमक उठी और गाड़ी कच्ची सुनसान सड़को से हाइवे में उतर आई। रोशनी के मन मे आज पहली बार आत्महत्या के ख्याल आया रहे थे, क्योकि दीपक को तो अब तक मार चुके होंगे वो लोग। अब जीने का क्या फायदा। वैसे भी आज जहां भी उसे लेकर जाया जाएगा वहाँ से उसका बचना मुश्किल है। जिस तरह की बातें गाड़ी में उन बदमाशो की चल रही थी उस हिसाब से आज बहुत बुरा होने वाला था उसके साथ। वो बदमाश किसी से विडिओकॉल में बात करते हुए रोशनी का मुंह दिखा रहे थे। और अश्लीलता से उसके बारे में बकवासबाजी कर रहे थे जिसे सुनकर रोशनी का एक ही मन कर रहा था या तो इन सबका गला दबा दूँ या फिर ड्राइवर को अनबैलेंस करते हुए सबके साथ खुद भी हादसे का शिकार हो जाऊं, क्योकि किसी शिकारी के शिकार बनने से अच्छा उन सबको मारकर खुद भी कुर्बानी दे दो।
    

रोशनी अपना मुंह छिपा रही थी और कोशिश कर रही थी उनके वीडियोकॉल में वो खुद को दिखाने ना दे, लेकिन वो लोग जबरदस्ती उसके हाथ पकड़कर बड़ी बुरी तरह से रोशनी को कसकर पकड़ा और एक हाथ से उसकी झुकी हुई गर्दन को उपर उठाया। मोबाइल उसके सामने लगाते हुए आदमी बोला- "बस घंटे भर में ये चेहरा आपके सामने होगा सर"

फोन से आवाज आई- "घंटे भर का इंतजार भी अब मुझसे होगा नही, बैचेनी उबल रही है और सब्र धुंआ धुंआ हो रहा है।"

रोशनी ने एक हाथ झटके से छुड़ाया और मोबाइल पर दे मारा, मोबाइल हाथ से गिरकर गाड़ी की शीट के नीचे घुस गया।
इस बात पर बदमाश ने रोशनी को एक थप्पड़ कस दिया और शांत रहने की हिदायत दी। जब बदमाश मोबाइल निकालने लगा तो रोशनी ने ड्राइवर के कॉलर को पीछे से पकड़ लिया और झकझोरने लगी। मोबाइल बिना निकाले ही झुका हुआ बदमाश सीधा हुआ और रोशनी का हाथ छुड़ाने लगा क्योकि हाइवे था, जरा सा भी गाड़ी हिली तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। रोशनी ने भी जैसे कॉलर ना छोड़ने की कसम खा ली हो। ड्राइवर एक हाथ से अपना कॉलर छुड़ा रहा था दूसरे हाथ से गाड़ी चलाते हुए गुस्से से पीछे बैठे आदमियों को डाँटते हुए बोला- "सालों! एक लड़की को नही संभाल पा रहे? छोड़ मुझे……. अबे गाड़ी गिरी तू भी मरेगी, क्यो कर रही है"

"अगर नही गिरी गाड़ी मरना तो मैने तब भी है, लेकिन तुम्हे भी मारकर मरूँगी।" कहते हुए रोशनी ने पूरी ताकत लगा दी। इस बार ड्राइवर के दूसरे नम्बर वाला बटन उसके गले मे चुभ रहा था साथ मे ही उसे घुटन हो रही थी।
  पीछे बैठे दोनो बदमाश रोशनी के हाथ को खींच रहे थे, एक तो हाथ मे मुक्के भी मार रहा था, लेकिन रोशनी अभी सारे दर्द सहन करती रही।
    ड्राइवर ने तंग आकर कमीज के ऊपर का बटन खोल दिया और एक साइड का इंडिगेटर देते हुए गाड़ी को तेजी से कट मारने की कोशिश करते हुए बाएं तरफ खाली सड़क की तरफ आ गया। इसी बीच पीछे से तेज होरनि की बौछार करती तेजी से एक ट्रक आ गयी जिसे पता नही था कि अचानक कोई गाड़ी इसकी लेन में आ जायेगी। और फिर तेजी से ब्रेक और चिल्लाने की आवाज और पहियों की रगड़ की आवाज के साथ दो गाड़ियों को टक्कर की भयानक आवाज से हाइवे गूंज उठा।

कहानी जारी है

कल आखिरी पार्ट है😥, प्लीज ध्यान से पढ़ियेगा और अब तक साथ देने वाले कल तक भी दे दीजियेगा। शुक्रिया।


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4 Comments

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 05:47 PM

Osm 💐💐

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Sana khan

27-Aug-2021 12:24 PM

Waah

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Miss Lipsa

27-Aug-2021 04:47 AM

Areee wow... really interesting

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